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डी गुकेश ने जीती विश्व चैम्पियनशिप ट्रॉफी: जानें पूरी कहानी
दक्षिण के युवा शतरंज ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सिंगापुर में विश्व चैम्पियनशिप ट्रॉफी हासिल कर ली है। 14 कठिन खेलों के बाद, आखिरकार वह खुशी का समय आ गया, जब उन्हें यह प्रतिष्ठित ट्रॉफी सौंपी गई। 18 साल की उम्र में, गुकेश ने 18वें विश्व चैंपियन का ताज पहनकर शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है।
ऐतिहासिक जीत
गुकेश ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप के गेम 14 में चीनी ग्रैंडमास्टर डिंग लिरेन को मात दी, जिससे वह खेल के इतिहास में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन गए। इस जीत के साथ, वह विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाले 18वें ग्रैंडमास्टर और महान विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय ग्रैंडमास्टर बन गए हैं।
नई चुनौतियों की ओर
अपनी ऐतिहासिक जीत के बाद, गुकेश की नज़रें अब अगले लक्ष्य पर हैं—मैग्नस कार्लसन के खिलाफ मुकाबला। गुकेश का मानना है कि विश्व चैंपियन होना उन्हें सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी नहीं बनाता, बल्कि मैग्नस है। वह कहते हैं, “हमेशा कोई न कोई होता है जो मुझे महानता के उस स्तर तक पहुँचने के लिए प्रेरित करेगा जो मैग्नस ने हासिल किया है।”
कार्लसन से मुकाबला
गुकेश ने पांच बार के पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को चुनौती दी है और अपनी क्षमताओं की अंतिम परीक्षा लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “विश्व चैम्पियनशिप में मैग्नस के खिलाफ खेलना शतरंज में सबसे कठिन चुनौती होगी।”
हालांकि, कार्लसन ने गुकेश की उपलब्धि को सराहा, लेकिन मुकाबले के विचार को खारिज कर दिया। कार्लसन ने कहा, “यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है (गुकेश द्वारा)। इस चैंपियनशिप को जीतना बेहद प्रेरणादायक है।”
गुकेश की राह
डी गुकेश का यह सफर शतरंज की दुनिया के शिखर पर पहुंचने का है। उनकी यह जीत न केवल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय शतरंज के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।
देखें: सिंगापुर में विश्व चैम्पियनशिप ट्रॉफी प्राप्त करने के बाद जश्न मनाते डी गुकेश
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