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उच्च वेतन वाली नौकरियाँ छोड़कर ‘जीवन्तिका’ की स्थापना: आईआईटी दंपति की प्रेरक कहानी
आईआईटी टॉपर्स साक्षी भाटिया और अर्पित माहेश्वरी बताते हैं कि ”मडहाउस बनाना जेईई क्रैक करने से भी कठिन है।” इस जोड़ी ने अमेरिका में अपनी उच्च-भुगतान वाली कॉर्पोरेट नौकरियाँ छोड़कर ग्रामीण भारत में एक सरल और संतुष्टिदायक जीवन को चुना। मध्य प्रदेश के बड़नगर गांव में बसकर उन्होंने ‘जीवन्तिका’ नामक एक फार्म की स्थापना की, जो स्थिरता की ओर उनकी यात्रा का प्रतीक है।
दक्षिण अमेरिका की प्रेरक यात्रा
इस परिवर्तन की शुरुआत 2015 में हुई, जब दक्षिण अमेरिका की यात्रा ने उनके जीवन दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदल दिया। अर्पित कहते हैं, ”उपभोक्तावाद की निरर्थकता हमें परेशान करने लगी थी।” उन्होंने एक सरल और न्यूनतम जीवन शैली अपनाने का निर्णय लिया, अपनी अधिकांश भौतिक संपत्ति बेच दी और अमेज़न, पेरू, इक्वाडोर और कोलम्बिया की यात्रा की। इस दौरान, उनके पर्यावरणीय चेतना में वृद्धि हुई और स्थायी जीवन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता मजबूत हो गई।
भारत वापसी और ‘जीवन्तिका’ की स्थापना
2017 में, प्रकृति के करीब रहने का दृढ़ संकल्प लेकर यह जोड़ा भारत लौटा। साक्षी कहती हैं, ”हम अपना खाना खुद उगाना चाहते थे और अधिक जागरूक जीवन जीना चाहते थे।” उन्होंने 1.5 एकड़ भूमि पर ‘जीवन्तिका’ स्थापित करने का फैसला किया, जहां आज वे अपनी खपत का लगभग 85% उगाते हैं। साक्षी बताती हैं, ”केवल एक चीज जो हम दूसरे खेत से खरीदते हैं, वह है तेल, क्योंकि हमारे पास अभी तक मशीन नहीं है।”
मिट्टी का घर और आत्मनिर्भरता
उनका मिट्टी का घर, जो पूरी तरह से हाथ से बनाया गया है, खेत पर लंबे दिन बिताने के बाद एक शांतिपूर्ण विश्राम प्रदान करता है। साक्षी कहती हैं, ”मिट्टी का घर बनाना मेरे जीवन का सबसे कठिन काम है और फिर भी बहुत संतोषजनक है।” तीन महीने में बने इस घर में बिजली नहीं है, लेकिन यह गर्मी के दौरान भी ठंडा रहता है, जिससे पंखे या एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता नहीं होती।
पर्माकल्चर और संतुष्टि
उनकी खेती पद्धति पर्माकल्चर सिद्धांतों का पालन करती है, जो स्थिरता और पारिस्थितिक संतुलन सुनिश्चित करती है। दंपत्ति का कहना है कि ज़मीन से जुड़े रहने से उन्हें पूर्णता और ख़ुशी का गहरा एहसास हुआ है। यदि आप उनकी यात्रा के बारे में अधिक जानना चाहते हैं या ‘जीवन्तिका’ की यात्रा करना चाहते हैं, तो आप उनके इंस्टाग्राम हैंडल (@jeevantika.forest) के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।
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Via: thebetterindia.com