Dharmik: Law of Attraction जिसका मतलब है कि आकर्षण का सिद्धांत, यह सिद्धांत हमें हमारे लक्ष्य और सपनों की और आकर्षित करता है। और हमारे सपनों को साकार करने में सहायता देता है। हम जैसी भी सोच अपने अंदर रखते है उनको पूरा करता है। हमारी सोच को हकीकत बनाता है। हम जैसा सोचते है वैसा असल जिंदगी में होता चला जाता है। “Attraction” का अर्थ होता है, आकर्षण।मतलब कि किसी चीज़ को अपनी तरफ आकर्षित करना। हम में से बहुत से लोग हैं जो इस बात को नहीं मानते परन्तु ऐसा होता है कि हम कभी कुछ सोचने लगते हैं कि काश! ऐसा हो जाता और उस वक़्त वो चीज़ हो जाये तो हम लोग विश्वास नही कर पाते।
- कई बार लोग कहते है कि, अरे! मैं थोड़ी देर पहले तुम्हे ही याद कर रहा था और तुमसे मुलाकात भी हो गयी।
- अरे! अभी तो मेरा मन कुछ तीखा खाने का कर रहा था और तुम वही ले आये।
ऐसी ही हमारे जीवन मे बहुत सी चीजें होती रहती है और हम इसको संयोग बोलकर छोड़ देते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि यही तो है “Law of Attraction”
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क्या है “Law of Attraction”

विज्ञान भी ये साबित कर चुका है- जब व्यक्ति कुछ सोचता है तो उसके दिमाग से कुछ किरणें निकलती है। यदि व्यक्ति सकारात्मक सोचता है तो उसके दिमाग से सकारात्मक किरणें निकलेगी और यदि नकारात्मक सोचता है तो उसके दिमाग से नकारात्मक किरणें निकलती है। ये जो किरणें हमारे दिमाग से निकलती है ये वैसी ही चीजों को हमारी और आकर्षित करती हैं जैसी हम सोच रखते हैं।
कैसे काम करता है “Law of Attraction”

ये बात आती है कि यह काम करता है तो दोस्तों हम सब अपनी ज़िंदगी की परेशानियों से बहुत दुखी रहते है हमें कोई व्यक्ति खुशी मिलने की राह दिखा दे तो उस पर बहुत जल्दी विश्वास करके वो काम करने लगते है। आपको उदाहरण देकर समझते है-
वैसे हम बहुत बार लोगों से सुनते है कि इस मंदिर/मस्जिद/गुरुद्वारा/ चर्च में जाने से हम जो मांगेंगे हमारी मुराद पूरी होती है और ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता भी है। हमें दिखने को भी मिल ही जाता है और फिर हम भी उसी जगह जाकर मन्नत मांगते है और मन ही मन एक ऐसी सकारात्मक सोच बना लेते है और काम करता है, Law of Attraction जो व्यक्ति को उसकी सोच की ओर आकर्षित करता है और उनकी मन्नत पूरी हो जाती है।
और हम सबके आदर्श स्वामी विवेकानन्द जी ने भी एक बार कहा था, कि ” इंसान जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है, और ऐसा होता भी है. अगर इंसान अच्छा व्यक्ति बनना चाहे तो कोई भी उसको रोक नहीं सकता ! क्या सोचने से ही काम करने लगेगा.
सवाल आता है कि क्या केवल सोचने से ही हम लोग सब कुछ कर सकते है या पा सकते है अपनी ज़िन्दगी में? अगर ऐसा होने लगे तब तो फिर हर व्यक्ति बस कुछ न कुछ अच्छा ही सोचेगा और वो हकीकत बन जायेगी।
जैसे कि किसी छात्र ने सोचा कि उसको सरकारी नौकरी चाहिए और वो बस यही सोचता रहे और कुछ ना करे तो क्या इससे उस छात्र को नौकरी मिलेगी….नहीं। व्यक्ति के सिर्फ अच्छा सोचने से ही नही उस चीज को पाने के लिए मेहनत भी जरूरी है उस चीज़ को पाने का दृड़-निश्चय भी करना होता है जब ही Law of Attraction भी काम करता है।
आपने भी “om shanti om” फ़िल्म का डायलॉग जरूर सुना होगा “अगर किसी चीज़ को सिद्दत से पाने की कोशिश की जाए तो कायनात भी उसे तुमसे मिलाने की साजिश में जुट जाती है।”
और यह बात हम पर बहुत लागू होती है हमारी असल जिंदगी में।
सोच बनती है हकीकत

यह एक बहुत बड़ी और सत्य बात है जो कि इस Law of Attraction से जुड़ी है हर व्यक्ति को अपने अंदर का एक “मैं” शब्द याद रखना चाहिए। यदि इंसान इसे याद रखे ओर अपनी बात पर जोर देकर वो करे जो उसका दिल और दिमाग कहता है तो उसके सारे सपने सच हो सकते हैं। अगर व्यकि किसी चीज़ को चाहता है तो उसे अपने दिल तक ना रखे सिर्फ उस सपने को सच करने के लिए मेहनत करनी चाहिए। अपने परिवार और दोस्तों को भी बतानी चाहिये हो सकता है कि वो आपकी मदद कर सके आपके सपने को सच करवाने मैं। आपके सपने तभी सच होंगे जब इंसान उस पर टिके रहैंगे।
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