Indian Rupee: सामान्यता सभी लोग छोटी-छोटी बातों को बहुत अच्छे से समझते हैं। किंतु कभी-कभी हम इन छोटी छोटी सी बातों में से कई बातों को जानने से चूक जाते हैं। आज हम जिस विषय पर चर्चा कर रहे हैं, वह यह है की रुपए नोट जिन पर लिखा होता है की मैं धारक को Ru 100 अदा करने का वचन देता हूं। यह लाइन या शब्द नोटों पर क्यों लिखे होते हैं।
हम जानते हैं कि आज के समय में सारी दुनिया रुपए पैसों के दम पर चल रही है और इन्हीं रुपयों, पैसों को अर्जित करने के लिए लोग तरह-तरह के व्यापार, कारोबार, अपराध और अन्य काम कर रहे हैं। हमारे दैनिक जीवन में ऐसा कोई भी दिन नहीं होता है। जब हम रुपयों पैसों का उपयोग ना करें।
जब हम बाजार जाते हैं, तो एक छोटी से छोटी चीज को खरीदने के लिए रुपयों की आवश्यकता होती है, नोटों की अपनी एक कीमत होती है। जब हम सामान खरीदते हैं, तो विक्रेता को उस सामान का पैसा देते हैं, तब जाकर वह वस्तु हमारे पास आती है।
देश में चल रहे सभी नोटों की कीमतों के लिए आरबीआई रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का गवर्नर जबाबदार होता है। एक रुपए को छोड़कर, सभी कीमतों के नोटों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। जबकि एक रुपए पर भारत के वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं।
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भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्थापना सन 1935 में हुई, इसके पहले मुद्रा एवम नोटों की छपाई का कार्य भारत सरकार के अंतर्गत आता था। उसके बाद 1 अप्रैल 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की स्थापना की गई आरबीआई का मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटों की छपाई, नोटों को रखने की व्यवस्था और उनके रखरखाव के कार्य को सौंपा गया। आरबीआई अधिनियम की धारा 22 के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को रुपए या नोटों को जारी करने का अधिकार देती है।
आरबीआई का वचन
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अक्सर हम सभी ने देखा है की Ru 1 के नोट को छोड़कर सभी नोटों पर एक मेन लाइन लिखी होती है कि। मैं धारक को इतने रुपए अदा करने का वचन देता हूं। ऊपर लिखी लाइन में नोटों की कीमत के अनुसार नोट की कीमत होती है जैसे Ru 100 रुपए के नोट पर 100 रुपए। मैं धारक को 100 रुपए अदा करने का वचन देता हूं और इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आम जनता और अन्य लोगों को अपने कथन के माध्यम से यह विश्वास दिलाती है की जितने रुपए आपके पास है उतने ही रुपयों का सोना हमारे पास रिजर्व एवम सुरक्षित है।
इस बात को समझने के लिए हम एक छोटा सा उदाहरण लेते हैं की जैसे किसी व्यक्ति के पास 500 रुपए का नोट है, तो रिजर्व बैंक आफ इंडिया उस व्यक्ति को यह विश्वास दिलाती है की उसके पास 500 रुपए मूल्य का सोना आरबीआई में सुरक्षित रखा हुआ है।
न्यूनतम आरक्षित प्रणाली (Minimum Reserve System) के तहत नोटो की छपाई
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सभी देशों में अपने देशों के हिसाब से करेंसी चलती है या हम कह सकते हैं कि सभी देश अलग-अलग प्रकार से अपनी करेंसी चलाते हैं और इसी कड़ी में मुद्रास्फीति को हम परिभाषित करते हैं की मुद्रास्फीति वह स्थिति है, जिसमें बाजार में मिलने वाली वस्तुओं के दाम अचानक बढ़ जाते हैं, जिससे आम जनता को उस वस्तु को खरीदने के लिए अधिक रुपए का इस्तेमाल करना पड़ता है।
पेश है एक उदाहरण
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उदाहरण के लिए मान लीजिये आप एक प्लेट छोले मसाला 100 रुपए में खरीदते हैं और सालाना मुद्रास्फीति दर अगर 10 प्रतिशत मानकर चलें, तो यही छोले अगले साल आप 110 रुपए में खरीद पायेंगे।
आपकी आमदनी अगर तुलनात्मक रूप से कम से कम इतनी भी नहीं बढ़ती है, तो आप इसे या इस प्रकार की अन्य वस्तुओं को खरीदने की स्थिति में नहीं होंगे। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में न्यूनतम आरक्षित प्रणाली का नियम लागू किया गया है, जिसमें नोटों की छपाई न्यूनतम आरक्षित प्रणाली नियम के अनुसार होती है।
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