बॉलीबुड के हर सितारे के बारे में लोग बहुत अच्छे से जानते है, पर हॉलीबुड के कुछ सितारों के जाने के बाद उनके इतिहास के पन्नो में जैसे धूल सी जम गई है। ऐसे ही एक कलाकार है, साबू दस्तगीर (Sabu Dastagir)। यह भारत के पहले हॉलीबुड के सितारे है, जिसने भारत का नाम रोशन किया, परंतु इन्हें वो नाम और मुकाम नहीं मिल पाया।
इनका जिक्र सिर्फ चाचा चौधरी की कॉमिक्स में होता है। परंतु आपने कभी साबू के बारे जाना हैं, जो हॉलिवुड इंडस्ट्री (Hollywood Industry) में भारत का नाम चमकाने वाला पहला भारतीय अभिनेता था। साबू की किस्मत ने रातो रात फेर लिया था। हाथी के अस्तबल में काम करने वाला अनाथ और गरीब साबू की किस्मत ने उसे सोने जैसा खरा बना दिया था।
वह सोच भी नही सकते थे, उनकी जिंदगी ने उन्हें कहा पहुंचा दिया है। वह एक अभिनेता के साथ साथ एक सिपाही भी रहे। कई हॉलीवुड मूवीज में काम करने के साथ साथ उन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर में एयरफोर्स में शामिल होकर अपना योगदान दिया। लेकिन कही कही उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। एक झटके ने उनको अर्श से फर्श में पहुंचा दिया।
जिस फिल्म से सुनील दत्त ने बॉलीवुड में अपना नाम बनाया है, वो साबू को ऑफर की गई थी। लेकिन विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री तक पहुंचने ही नहीं दिया। यदि उन्हें बॉलीबुड में जगह मिल जाती, तो शायद उनके साथ वो नहीं होता, जो उनके जिंदगी के आखिरी समय में हुआ। आइये आज हम इस साबू दस्तगीर की कहानी के बारे में जानेंगे।
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साबू का समय महाराजा के हाथियों के अस्तबल में गुजरा

ये बात कई साल पुरानी है, लगभग 30 के दशक की। साबू के पिता मैसूर राज्य के महाराजा के हाथी के महावत हुआ करते थे। सबकुछ ठीक चल रहा था, परंतु 9 साल की उम्र में साबू के सिर से उनके पिता का हाथ उठ गया था। उन्होंने अपने पिता को खो दिया था। साबू और उनके बड़े भाई शेक दस्तगीर अनाथ हो गए थे। उनका समय महाराजा के हाथियों के अस्तबल में गुजरा। लेकिन साबू नहीं जानते थे की उनकी किस्मत चमकने वाली है।
जिंदगी में आने वाले बदलाब से बेखबर थे
सन 1935 में रॉबर्ट जे फ्लाहर्टी अपनी आने वाली फिल्म में एक एलिफेंट बॉय की खोज करते हुए इंडिया आए। रॉबर्ट जे फ्लाहर्टी ने इस फिल्म से पहले ‘नानूक ऑफ द नॉर्थ’ और ‘मोआना’ जैसी डॉक्युमेंट्री बनाई थी, जो की लोगो को खूब पसंद आई और उनकी खूब वाहवाही की।
जब वो मैसूर आए और एक दिन दोपहर में टहलते टहलते हाथियों के अस्तबल पहुचे जहां साबू रहते थे और वही अपना काम करते थे उस वक़्त उनकी उम्र करीब 11 वर्ष रही होगी। जब साबू ने विदेशी को देखा, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वो इतने उत्साह से भर उठे कि हाथी पर चढ़कर एक से एक करतब दिखाना शुरू कर दिया।
वे नहीं जानते थे की वे जो कर रहे है, उससे उन्हें एक फिल्म में लीड ऐक्टर के लिए चुना जाने वाला है और फिर उन्हें फिल्म के लिए चुन लिया गया। इसके बाद साबू और उनके भाई शेक दस्तगीर को लंदन ले जाने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई। लेकिन नाम लिखते समय इमिग्रेशन फॉर्म में गलती हो गई थी, इसलिए साबू का नाम साबू दस्तगीर लिख दिया गया था।
The first Indian actor to make it in Hollywood was not Anil Kapoor or Priyanka or even Naseer. He was a 13 year old boy, first cast in a documentary about elephants who starred in the 1940 hit Thief of Baghdad. Sabu Dastagir was originally from Mysore & made more than 20 films. pic.twitter.com/XBCiEiGRjB
— Joy Bhattacharjya (@joybhattacharj) January 27, 2021
विदेश में लीगल पेपर्स पर उनका नाम सेलार साबू लिखा गया है। ठीक 2 साल बाद सन 1937 में ‘एलिफेंट बॉय’ मूवी रिलीज हुई और बड़े पर्दे पर जब लोगों ने साबू के कारनामें देखे, तो लोगों ने उनकी बहुत प्रशंसा की और हर तरफ उनका नाम और उनकी चर्चा चल रही थी।
एक फिल्ममेकर्स के चहेते और एक सिपाही के रूप में दुनिया के सामने आये
‘एलिफेंट बॉय’ मूवी के रिलीज़ होने के बाद साबू सभी फिल्ममेकर्स के चहेते बन गए थे। उनकी ऐक्टिंग की सभी लोग बहुत तारीफ करते थे। देखते ही देखते उनकी बैक तो बैक हॉलीबुड मूवीज रिलीज होने लगी। उनकी खास मूवी जैसे द ड्रम, द थीफ ऑफ बगदाद, अरेबियन नाइट्स, कोबरा वुमन और तंजार आदि।
सन 1942 में ‘द जंगल बुक’ Movie आई, जिसमे उन्होंने मोगली का रोल किया, जो सभी को खूब पसंद आया। साबू दस्तागीर अब हॉलीबुड मूवीज (Hollywood Movies) करने लगे थे, इसलिए उन्होंने मैसूर छोड़ दिया था और उन्हे थोड़े समय के बाद अमेरिका की नागरिकता मिल गई थी और उन्होंने वही पर एक घर बना लिया था।
Sabu Dastagir
— Indo Islamic Culture (@IndoIslamicPage) July 28, 2019
(Born 1924 Mysore India–
Died 1963 Los Angeles) was an Indian film actor who later gained United States citizenship.
Primarily known for his work in films during the 1930s–1940s in Britain and America.
He was inducted into the Hollywood Walk of Fame in 1960 pic.twitter.com/vPjfCVZOsi
साबू दस्तगीर एक सिपाही के रूप में भी सामने आए और अपने देश का नाम रोशन किया, जब दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ, तो वह बतौर मशीन गनर, यूनाइटेड स्टेट्स के एयरफोर्स में भी शामिल होकर अपनी भागीदारी दी।
एक जैसे रोल के कारण खाई मात, यदि बॉलीबुड में काम मिल जाता, तो ऐसा नहीं होता
विदेश में अपने देश के नाम का परचम लहराने वाले साबू को जिस किस्मत ने चमकाया था और एक सितारा बनाया, उसी किस्मत ने सितारे को बुझाना प्रारम्भ कर दिया। उनका करियर अब धीरे-धीरे खत्म होने लगा था। एक जैसे रोल के कारण उनके पास फिल्म के ऑफर्स आना कम हो गए।
#botd 1924 Sabu Dastagir
— Dammit Tees (@DammitTees) January 27, 2020
The Thief of Bagdad
The Jungle Book
Black Narcissus
Elephant Boy
Drum
Sabu and the Magic Ring pic.twitter.com/qmjc9GIHvf
50 के दशक उन्हें फिल्में मिलना लगभग बंद हो गई, तो उन्होंने बिजनस की तरह बढ़ना चाहा। उनकी आखिरी मूवी ‘ए टाइगर वॉक्स’ थी, जो आज से 58 वर्ष पूर्व बनी थी। ये बात हैरान करने वाली है कि साबू ने कभी कोई बॉलीबुड मूवी नहीं की। जबकि उन्हें एक बार बॉलीबुड मूवी करने का मौका भी मिला था।
सन 1957 में मदर इंडिया फिल्म में बिरजू का रोल निभाने के लिए साबू को ऑफर किया गया था और उन्होंने मूवी करने के लिए हां भी कहा था। साथ ही उन्हें वापस भारत लाने के लिए काफी सारे प्रयास भी किये गए जो विफल रहे।
उन्हें वर्क पर्मिट नहीं मिला, जिससे वो बिरजू नही बन पाए और उनकी जगह सुनील दत्त इस फिल्म में बिरजू बने और पूरे देश में अपना नाम बना लिया। धीरे धीरे इतिहास के पन्नो पर जमती रही धुल और एक दिन हॉलीबुड (Hollywood) के इकलौते भारतीय कलाकार ने दुनिया को अलविदा कह गए।
BTD - Sabu (Sabu Dastagir) - THE JUNGLE BOOK - 1942 - French release poster pic.twitter.com/lUiHBjEq9Q
— Hill Illustration (@charliehillart6) January 27, 2022
यदि उस समय साबू भारत आ जाते और मदर इंडिया (Mother India) में वो बिरजू का रोल निभा पाते, तो शायद आज उनका नाम भी सभी कलाकारों के साथ लिया जाता ना की इस तरह कही गुमनामी में खो जाता। हॉलीबुड फिल्मों में काम करने के लिए इरफान खान, अनुपम खेर के साथ साथ जितने भी सितारों का नाम लिया जाता है इसी तरह साबू का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर होता, परंतु ऐसा नहीं हुआ।
साबू, हॉलिवुड के ‘वॉक ऑफ फेम’ में शामिल किए जाने वाले पहले और एकलौते भारतीय कलाकार है, लेकिन उनकी जिंदगी भी उनके करियर की तरह अचानक से रुक गई थी और 39 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया।
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