Startup Story: 21 साल की उम्र में जहाँ भारत के ज्यादातर युवा अपनी कॉलेज लाइफ को इंजॉय कर रहे होते हैं, वहीं इस उम्र में एक लड़के ने अपने पिता का कारोबार संभाला और उसे अरबों डॉलर की कंपनी में बदल कर रख दिया। हम बात कर रहे हैं भारत के मशहूर बिजनेस मैन अजीम प्रेम जी (Azim Premji) की, जिन्होंने लंबे समय तक Wipro Company के चेयर मैन का पद संभाला था।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि Wipro कंपनी की शुरुआत कैसे हुई थी और यह कंपनी असल में किस चीज का कारोबार किया करती थी। यकीनन Wipro कंपनी और पूर्व चेयर मैन अजीम प्रेम जी (Azim Premji) से जुड़ी इन दिलचस्प बातों को आप नहीं जानते होंगे, चलिए जानते है wipro company और अजीम प्रेमजी के बारें में |
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अजीम प्रेमजी की जीवनी

अजीम प्रेम जी (Azim Premji) का जन्म 24 जुलाई 1945 को मुंबई शहर में हुआ था, जबकि उनके पिता एम एच प्रेमजी वनस्पति घी का कारखाना चलाते थे। इसी कारोबार को आगे बढ़ाते हुए एम एच प्रेमजी ने 29 दिसम्बर 1945 को वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड नामक कंपनी की शुरुआत की, जिसे आगे चलकर विप्रो के नाम से जाना जाने लगा था।
एम एच प्रेमजी ने अपनी इस कंपनी की शुरुआत महाराष्ट्र के जलगांव जिले में स्थित अमलनेर गाँव में की थी, जहाँ रहने वाला हर व्यक्ति आज की तारीख में करोड़पति है। दरअसल एम एच प्रेमजी ने 1970 के दशक में अपनी कंपनी शेयर गाँव वालों को कम कीमत पर बेच दिए थे, जिनकी कीमत वर्तमान में 4, 750 करोड़ रुपए है और अमलनेर गाँव के पास Wipro कंपनी के कुल 3% शेयर मौजूद हैं।
प्रेमजी द्वारा शुरू किए गए ऑयल बिजनेस

एम एच प्रेमजी द्वारा शुरू किए गए ऑयल बिजनेस की मार्केट में ज्यादा वैल्यू बढ़ गई थी, जिसकी वजह से उनकी गिनती देश के प्रसिद्ध व्यापारियों में की जाने लगी। एम एच प्रेमजी का कारोबार आगे बढ़ ही रहा था उसी दौरान साल 1947 में भारत की आजादी के साथ-साथ देश का बंटवारा भी हो गया था, जिसकी वजह से मोहम्मद अली जिन्ना ने एम एच प्रेमजी को पाकिस्तान जाने का प्रस्ताव दिया था।
जब एम एच प्रेमजी ने पाकिस्तान जाने से इंकार कर दिया, तो मोहम्मद अली जिन्ना ने उन्हें नए देश में वित्त मंत्री का पद संभालने का ऑफर दिया था। लेकिन एम एच प्रेमजी ने जिन्ना के उस प्रस्ताव को भी नकार दिया था, जिसके बाद एम एच प्रेमजी ने भारत में अपना व्यापार फिर से जारी रखा।
प्रेमजी का व्यापार भारत में खूब उठ रहा

एम एच प्रेमजी का व्यापार भारत में खूब उठ रहा था, लिहाजा उन्होंने अपने बेटे अजीम प्रेमजी को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भेज दिया था। अजीम प्रेमजी विदेश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन उन्हें अपने फाइनल ईयर की पढ़ाई को बीच में छोड़कर भारत वापस लौटना पड़ा था।
लेकिन जब अजीम प्रेम जी (Azim Premji) 21 साल के थे, तो उनके पिता एम एच प्रेमजी का निधन हो गया था। ऐसे में अजीम प्रेमजी की माँ गुलबानू ने उन्हें फोन करके इस बात की जानकारी दी, जिसके बाद अजीम प्रेमजी अपने फाइनल ईयर को बीच में छोड़कर साल 1961 में भारत वापस लौट आए थे।
अजीम प्रेमजी के कंधों पर पिता का व्यापार

अजीम प्रेमजी भारत लौटने के बाद अजीम प्रेमजी के कंधों पर अपने पिता के व्यापार को आगे बढ़ाना था, जो उस समय भारत की सबसे मशहूर कुकिंग ऑयल फैक्ट्री थी। अजीम प्रेमजी ने वनस्पति घी बनाने वाली कंपनी को अपनी मेहनत और आइडियाज के दम पर wipro कंपनी में तब्दील कर दिया था।
Wipro कंपनी की गिनती भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में की जाती है, जो वर्तमान में 58, 500 करोड़ रुपए का व्यापार कर रही है। जब अजीम प्रेमजी ने अपने पिता की कंपनी संभाली थी, तो उस वक्त उनकी कमाई 1.30 करोड़ रुपए के आसपास थी। लेकिन 53 साल बाद यह कंपनी कामयाबी की ऊंचाईयों पर है, जबकि अजीम प्रेमजी दुनिया के 36वें सबसे अमीर शख्स माना जाते है।
अजीम प्रेम जी की कुल संपत्ति

इस समय अजीम प्रेम जी (Azim Premji) की कुल संपत्ति लगभग 25.6 अरब डॉलर के आसपास है जबकि, उन्होंने 52, 750 करोड़ रुपए की कीमत वाले शेयर्स को दान कर दिया है। अजीम प्रेमजी एक संस्था भी चलाते हैं, जिसे प्रेमजी फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है और अब तक वह इस संस्था में 1.45 करोड़ रुपए का दान कर चुके हैं।
अजीम प्रेम जी (Azim Premji) ने साल 2005 तक विप्रो कंपनी के चेयर मैन का पद संभाला था, जिसके बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। वर्तमान में wipro कंपनी का विस्तार अमेरिका जैसे देश तक पहुंच चुका है, जबकि न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में wipro की लिस्टिंग होने लगी और उसका व्यापार काफी ज्यादा बढ़ गया।
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